Thursday 16 March 2017

सहजन पेड़ के स्वास्थ्य लाभ। Health Benefits of Moringa Tree.

          मानव के लिए कुदरत का चमत्कार सहजन (Moringa).इसमे कोई शक नहीं कि सहजन एक चमत्कारी पेड़ है।जह दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है। सहजन  300 से अधिक रोगो मे बहुत ही उपयोगी पेड़ है। इसकी जड़ से लेकर तना, गोन्द,फूल, पत्ती ओर फलीयां हर चीज़ उपयोगी होती है
इसका उपयोग आयुर्वेद मे सुश्रुत के समय से होता आ रहा है।

Botanical Name : Moringa oleifera
Hindi name : Sehjan,Munga
English : Drumstick, Horseradish tree,Drumstick tree,west Indian ben.
Ayurvedic: Shigru (white van) sigra,shabhaanjana,haritashaaka raktaka,mochaka murangi,akshiva,teekshanagandha.
Unani : Sahajan.
Tamil : Munagai.
सहजन के ओषधीए गुण
रस (Taste): कटू,तिक्त,
गुण (Quality) : लघु(Light to Digest) रूकषा (Dryness) तीकषना (Strong Piercing).
विपाक (After Digestion Taste) : कटू
वीर्य : ऊषण (Hot Potency)
त्रिदोशिक असर : कफ ओर वात का संतुलन करता है।
किसमें और उपयोगी हिस्से :
आयुर्वेद की किताबों मे सहजन की तीन किसमो का  जिकर आता है।
1. रक्त -Red variety -इसे मधु सिगरू कहते हैं।
2. शयाम -Black variety.
3. शवेत - White variety.
सहजन (Drumstick tree) की शयाम किसम समानयता जयादा उपयोग मे आती है। बाकी दो किसमों में भी इसके समान गुण होते हैं।
सहजन की जड,पत्ते, फूल, फलीयां,छाल सभी सवास्थय के लिए लाभकारी हैं। समानयता इसके पतों और फलीओं को ज्यादा उपयोग मे लाया जाता है।
सहजन खाने से होने वाले लाभ : 
  • इसे खाने से पाचन तंत्र सही होता है।
  • वीर्य (Semen) के गुणों और मात्रा को बढाता है।
  • आखों के लिए अच्छा है। आखों की रोशनी देखने की शमता (Vision) को बढाता है।
  • फोडों को ठीक करता है।इसके पेस्ट को फोडों पर लगाने ओर खाने से फोडे ठीक हो जाते हैं।
  • पेट के कीडे खतम करता है।
  • तिली (Spleen) के रोगों मे उपयोगी है।
  • दिल के रोगों के लिए अच्छा है।दिल के लिए एक टाँनक का काम करता है।
  • मोटापा कम करता है।
  • शरीर से जहरीले पदार्थों (Toxic Aliments) को बाहर निकाल देता है।
  • बहुत सारी खोजों मे पाया गया कि सहजन में सूगर रोधी (Anti Diabetic) और Antioxidant गुण हैं। इस लिए जह सूगर के लिए फायदेमंद है।
  • सहजन से बने तेल सिरदर्द, चरम रोगों ओर सूगर के लिए फायदेमंद है।
सहजन के पौष्टिक गुणो की तुलना:
विटामिन सी (Vitamin C) संतरे से सात गुणा ज्यादा।
कैलशियम (Calcium) दूध से चार गुणा ज्यादा।
प्रोटीन (Protein) दही से तीन गुणा ज्यादा।
पोटेशियम (Potassium) केले से तीन गुणा ज्यादा।
विटामिन (Vitamin A) गाजर से चार गुणा ज्यादा।
इसकी हरी और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट , प्रोटीन , कैल्शियम , पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम,
विटामिन-ए , सी और बी-काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं ।
सहजन के ओषधी के रूप मे उपयोग :
इसके उपयोग से कई बिमारीओं का ईलाज किया जा सकता है।
* इसकी छाल को गठिया ,साइटिका लीवर के रोगों मे उपयोग किया जा सकता है। इसकी छाल को शहद के साथ मिलाकर पीने से वात और कफ रोग खत्म हो जाते हैं।
* इसकी पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से साइटिका , पक्षाघात ,गठिया,वायु विकारों मे लाभ पहुंचता है। साइटिका में इसकी जड़ का काढ़ा चमत्कारी प्रभाव दिखता है.
*मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं और मोच के स्थान पर लगाने से जल्दी ही लाभ मिलने लगता है |
* सहजन के फलीयों की सब्जी बनाकर खाने से जोड़ों के दर्द , गठिया का दर्द , वात रोगों में लाभ होता है।
* इसके ताजे पत्तों का रस निकालकर कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
* इसके पत्तों औऱ फलीयों की सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी टूटकर निकल जाती है,
हिदायतें (Precautions) : सहजन की तासीर गरम होने की वजह से कमजोर पाचन तंत्र वालों मे पेट मे जलन जैसी  पेट की समस्याए हो सकती है।पित प्रकृति वालों को इसे कम मात्रा मे उपयोग करना चाहिए। इसकी ज्यादा मात्रा लेने से शरीर मे गरमी बड सकती है। रक्त विकारों (Bleeding Disorders) मे इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
सहजन मे प्रोटीन, विटामिन, मिनरल,एंटी आकसीडेंट तत्व भरपूर मात्रा मे होने के कारण यह गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत अच्छा है। लेकिन इसके पत्ते,जड,छाल ओर फूलों को गर्भवती महिलाओं को नहीं लेना चाहिए।http://amzn.to/2n1ndl4

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