Monday 6 March 2017

आंवला फल के स्वास्थ लाभ ।Health Benefits Of Amla in Hindi

        कहते हैं आंवले का खाया ओर बजुर्गो का कहा बाद मे पता चलता है। आंवले का स्वाद भले ही कडवा लगे लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ उतने ही अच्छे हैं। आंवला 100 रोगों की एक दवा है। आंवले के अच्छे स्वास्थ लाभों की वजह से लोग सदीयों  से इसका उपयोग कर रहें हैं।आंवला का उपयोग  करनेवाला सदा जबान ,सुंदर, ओज्सवी बना रह सकता है। का प्रयोग सभी रोगों मे बिना किसी नुकसान के किया जा सकता है। आंवला  विटामिन सी (Vitamin C) का बहुत बडा प्राकृतिक स्रोत हैइसके एक फल मे लगभग 3,000 mg तक विटामिन सी पाया जाता है।आंवला खाने से बालों का झडना बंद होता है।इससे आखों की रोशनी बडती है। स्किन की सम्सया मे भी आंवला बहुत अच्छा है।पेट गैस ,एसिड बनना मे बहुत लाभ करता है।दिल ओर दिमाग के लिए एक अच्छा टोनिक है। शरीर से विषेले पदार्थों  (Toxins) को बाहर निकाल देता है।आंवला के ओर भी बहुत से लाभ हैं।
आंवले के पत्ते ईमली के पत्तों के जैसे होते हैं। इसके पेड़ मे मार्च से मई तक फूल आते हैं ओर फल सर्दियों मे लगते हैं।
   
अलग-अलग भाषाओं में नाम 
Hindi : Amla
Punjabi : Aula,Amla
Sanskrit:Amlaka,Amritaphala, Dhatriphala
English : Emblic Myrobalan,Indian Gooseberry
Gujarti : Ambla,Amala 
Assamese : Amlaku, Amlakhi, Amlakhu
Bengali : Amla, Dhatri 
Kashmiri : Embali, Amli
Malayalam : Nellikka
Marathi : Anvala, Avalkathi
Oriya : Anala, Ainla
Tamil : Nellikkai, Nelli 
Telugu : Usirika
Kannada : Nellikayi

आंवला को कई रूपों में प्रयोग किया जा सकता है।
अचार, चटनी, मुरब्बा,फल,जूस, चूर्ण के रूप मे इसका जियादा प्रयोग होता है।
आंवला को एक Immunity Booster   की तरह उपयोग कीया जा सकता है।
एक रसायन होने की वजह से जह शरीर मे बल,वीर्य ,ओज को बडाकर आयु की वृद्धि करता है।
इसके उपयोग से शरीर मे बडे हुए वात,पित ओर कफ का नाष होता है। इसकी तासीर ठंडी होने की वजह से जह शरीर में अधिक गर्मी को नष्ट करता है।

आयुर्वेदिक गुण (Ayurvedic Properties) 
रस: कटू, मधुर, काषाय, अम्ल
वीर्य: शीत
गुण: लघु,रूक्ष
विपाक: मधुर
कर्म: त्रिदोषहर, रसायन वृष्य

अलग-अलग रोगों मे उपयोग :-
  • पित(शरीर मे गर्मी) के सभी रोगों मे उपयोगी है।
  • शरीर मे खून की कमी (Anemia) को दूर करता है।
  • लीवर की कमजोरी को दूर करता है।
  • दिमाग के रोगों मे बहुत अच्छा है।
  • शरीर मे खून (Blood) हड्डियों (Bones) ओर सेल्स को बनाने का काम करता है।
  • शरीर मे लाल रक्त कणों (Red Blood Cells) की गिनती को बढाता है ओर बल्ड सूगर को नियंत्रित करता है।
  • यह दिल ,दिमाग ,आखों ,त्वचा,फेफड़ों, आंतो ओर बालों के लिए एक ऊतम टानिक है।
  • बालों का असमय सफेद होना (Graying )ओर गंजापन को रोकता है।
  • जह कब्ज (Constipation) अपच (Indigestion) पेट की सभी बिमारीयों मे प्रभावी है।
  • दांतों से खून बहना (Gums Bleeding) को रोकता है ओर दातों  को मजबूती प्रदान करता है।
आध्यात्मिक लाभ (Spiritual Benefits)
आंवला सात्विक (Pure) गुणो वाला है। जह लंबी उम्र ,प्रेम, ओर अच्छा भागय प्रदान करता है। वह माताए जो अपने बच्चो के साथ गुस्से वाला बरताव करती हैं जह उनको शांत करकर उनकी भाभनाओ को नियंत्रित करता है।जिन बच्चों की माता नही है जह उनमे उनकी माता की उपस्थिति की समझ भर देता है।इसी कार्ण इसका एक संस्कित का नाम धात्री (Dhatri) है जिसका मतलब "माता" होता है।

औषधि के रूप मे उपयोग (Medicinal Uses of Amla)
आंवला का प्रयोग बहुत से रोगों मे किया जाता है।

रकत प्रदर (Dysfunctional Uterine Bleeding) :- रकत प्रदर में आंवला का चूर्ण जां आमलकी रसायन 3-4 ग्राम की मात्रा मे दिन मे दो बार लेना चाहिए।
नकसीर (Bleeding From Nose) :- आंवले के चूर्ण का सुबह-शाम नियमित सेवन करना चाहिए।
अमल-पित्त (Hyperacidity):- इसमें खट्टे डकार, पेट मे जलन,उलटी आना ओर अपच जैसे पेट विकार होते हैं। अम्ल पित्त के लिए आंवले का जूस 15-20 मिलीग्राम की मात्रा मे दिन मे दिन मे दो बार लेना चाहिए।
बालों के रोगों मे (Hair Problems):- बाल झडना सफेद होना जैसी बालों की समस्याओं मे आंवला चूर्ण ओर रस को प्रयोग किया जाता है।बाहरी प्रयोग  मे आंवला चूर्ण को महिँदी के साथ मिलाकर बालों मे लगाने से बालों का झडना ओर सफेद होना रूकता है।
स्वप्न दोष ( Nocturnal Emission ):- आंवले का मुरब्बा सेवन करते रहने से इस समस्या का निवारण होता है।
बवासीर (Piles) :- आंवला चूर्ण 1-1 चम्मच दिन मे दो बार छांछ के साथ लगातार कई दिनों तक लेने से बवासीर मे लाभ होता है।
विस्तर पर पेशाब (Bed Wetting):- आंवला चूर्ण 2 चम्मच + मिक्षी 4 चम्मच + जीरे का चूर्ण 2 चम्मच को मिलाकर रख ले दिन मे तीन बार आधा-आधा चम्मच की मात्रा मे लें।
पेशाब मे जलन (Burning Urination) :- शहद को आंवले के रस मे मिलाकर दिन मे दो बार पीने से पिशाब खुलकर आता है ओर जलन खतम होती है।

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