एलोवेरा पूरी दुनिया मे पाया जाने वाला एक ऐसा जैलीए पौदा है जिसे दुनिया भर मे सेहत (Health) ओर सौन्दर्य वर्धक उतपाद बनाने में प्रयोग किया जाता है।दुनिया भर की मशहूर हैल्थ ओर सौन्दर्य उतपाद बनाने वाली कंपनीया बड़े पैमाने पर एक ख़ास वातावरण मे एलोवेरा की खेती करती है।एलोवेरा दिखने मे एक अजीब सा काटेंदार पोदा है। अगर संजीवनी बूटी की बात की जाए तो जह संजीवनी बूटी से कम नहीँ है।जह हर बीमारी की एक रामबाण ओषधी है।एलोवेरा जडी बूटीयो मे एक चमत्कारी ओषधी की तरह है।इससे हर बीमारी का इलाज किया जा सकता है।एलोवेरा मे कुछ ऐसे ओषधीए तत्व है जो शरीर मे अपने आप नहीँ बनते जह तत्व सिर्फ़ एलोवेरा से ही प्रापत हो सकते है।अन्य जडी बूटीयों के मुक़ाबले इसमें कही जिआदा गुण पाए गए हैं।
एलोवेरा के बहुत से लाभ है।आइए जानते हैं इसकी संपूर्ण जानकारी के बारे में ।
भिभिन नाम :- इसके कई नाम हैं।जैसे : एलोवेरा (AloeVera) साइलेंट हीलर, ग्वारपाठा, कवारगंदल, घृतकुमारी (Ghirita Kumari) कुमारी ।
गुण कर्म :- इसका सबाद कडवा, तीखा, कसैला ओर मीठा होता है। जह शरीर के तीनो दोषो वात-पित-कफ (Vata ,Pita, Kapha) को एक समान रखता है।एलोवेरा की तासीर ठंडी होने की बजह से जह पेट के रोगों मे विशेष लाभ करता है।
किन बिमारीयो में है उपयोगी :- एलोवेरा को मोटापा, डायबिटीज, ब्लड-प्रेशर (BP), कोलैस्ट्रोल (Cholesterol), ह्रदय के रोग (Heart Problems), खाँसी, जुकाम, बालों का ज्ञडना ओर असमय सफ़ेद होना, अस्थमा, बवासीर, कब्ज, जोड़ो का र्दद, शरीर का र्दद , सायटिका र्दद, सर्वाइकल, गाल ब्लैडर की पथरी, लीवर रोग , अलसर, नसों के रोग, निमोनिया, टीबी, पाचन तंत्र के रोग, माईग्रेन, ब्रोन्काईटिस, आखो की बिमारीयां, किडनी के रोग, कैंसर, पीलिया, कील-मुहासे, शराब से होनेवाली हानीया, काम सकती ओर वीर्य को वडाने मे प्रयोग किया जाता है।
एलोवेरा के चिकित्सकीए प्रयोग (Medicinal Uses of AloeVera)
पेट के रोगों में :- अगर एलोवेरा जेल जां जूस को कम मात्रा मे लिया जाए तो जह एक पाचक (Stomachic) का काम करता है।इसकी जियादा मात्रा सेवन करने पर जह एक रेचक (Laxative) का काम करता है ओर कब्ज का नाश होता है। एलोवेरा जूस पेट र्दद मे भी आराम देता है।इसमे वायु को कम करने के (Anti Vayu) गुण होने के कारण पेट की गैस के लिए भी इसे सुबह शाम खाली पेट लिया जा सकता है।
चमड़ी रोगों मे (Skin Diseases) :- इसे मक्खन के साथ चमड़ी के अलसर (Ulcers) पर लगाने से जलन से छुटकारा मिलता है।एलोवेरा जूस से त्वचा की नमी बनी रहती है। एलोवेरा का जूस पीने से रुखी त्वचा, त्वचा की खराबी, महासे, झुरीयां, धूप से झुलसी तवचा, आखो के काले घेरे चिहरे के दाग धबो को दूर किया जा सकता है।
गठीए के रोग में (Anti Reumatic) :- एलोवेरा का जूस काली र्मिच (Black Pepper) के साथ लेने से गठीआ जोडों के र्दद मे आराम मिलता है।
बुखार मे :- एलोवेरा का काडा (Decoction) गिलोए के साथ देने से बुखार मे लाभ होता है।
सरदी खांसी के लिए :- एलोवेरा का गूदा शहद ओर हलदी के साथ लेने से खांसी ओर सरदी मे लाभ होता है।
खून की कमी पूरा करे (HAEMOGLOBIN):- एलोवरा का जूस खून को साफ़ करता है और खून ( HAEMOGLOBIN) की कमी को पूरा करता है।यह शरीर मे सफ़ेद ब्लड सैल्स की संख्या को भी बढाता है।
एहतियात (Precaution) :- गरभवती महिलाओं को एलोवेरा नही देना चाहिए।
तैयारी (Preparation):- एलोवेरा से लोशन(Lotion), जूस(Juice), जैल(Gel), पाउडर(Powder), काडा(Decoction), पेसट(Paste) ओर अन्य दबाओ के साथ मिश्रण(Tincture) तैयार किए जाते है।
एलोवेरा के औषधीय गुण किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं हैं. इसमें कईं प्रकार के रसायनिक तत्व जैसे कि अमीनो एसिड, विटामिन और अन्य खनिज पदार्थ मौजूद होते है जिसके कारण कुछ लोग इसके पौधे को चमत्कारी पौधा भी कहते आए हैं.
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